नारी अबला नही है...बैंडिट क्वीन
आज एक ऐसी नारी की पुण्यतिथि है, जिसने समाज को बता दिया था की नारी अबला नही है, जी हम बात कर रहे है "बैंडिट क्वीन" फूलन देवी की... फूलन देवी की बायोग्राफी पुस्तक "मैं फूलन देवी" के अनुसार फूलन देवी का विवाह एक तिगुने उम्र के आदमी के साथ महज 11 के उम्र में कर दिया गया था, पति के प्रताड़ना से आजिज फूलन देवी अपने घर भाग आयी और कुछ नए दोस्त बनाये जो डाकू थे, फूलन ने अपनी किताब में इन्हें "किस्मत की मर्जी" कहा है, डाकुओ को फूलन पर प्यार आ गया, वर्चस्व की लड़ाई के दौरान डाकू बाबू गुज्जर मारा गया, इसी के इंतकाम में फूलन के साथ 22 लोंगो ने बलात्कार किया, जिसने फूलन की जिंदगी में तूफान ला दिया और फूलन देवी को डाकू बनने पर मजबूर कर दिया। अपनी ताकत बढ़ाने के बाद सन 1981 में डाकू फूलन देवी ने भीमई गांव पहुंचकर 22 बलात्कारियों को घर से बाहर निकाल कर गोली मार दी, इंदिरा गांधी के फांसी न देने के वादे के बाद फूलन देवी ने सन 1983 में सरेंडर कर दिया। 22 हत्या, 30 डकैती, 18 अपहरण की आरोपी फूलन देवी 11 साल जेल में रही, उसके बाद सन् 1994 में जेल से छूटने के...