तुम कितने गांधी मारोगे...
मैं जानता हूं कि मेरे इस शीर्षक में कुछ लोग गलत अर्थ खोजेंगे लेकिन अर्थ निकालते समय वो ये भूल जाएंगे कि चाकू अगर किसी की जान ले सकता है तो बचा भी सकता है बस उसका उपयोग कौन क...
मैं सुनील कुमार डुमारियागंज, जिला- सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश, भारत का रहने वाला हूं जो कि महात्मा बुद्ध की कर्म स्थली है। राज व समाज की बेहतरी के लिए लिखने का प्रयास करता हूं। समाज के लिए कुछ बेहतर करने की इच्छा है। दबे, कुचले, शोषित, वंचित व गरीब की आवाज यानी "आपकी आवाज।" सम्पादन का अधिकार सुरक्षित है और बिना अनुमति के अख़बार पत्रिका या किसी वेबसाइट पर प्रकाशन करने की इजाज़त नहीं है।