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Showing posts from November, 2020

भारतभारी

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        जिले के डुमरियागंज तहसील मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक व महाभारत कालीन पौराणिक स्थल "भारतभारी" कोरोना आपदा की वजह से कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगभग सूना सूना सा लग रहा है। हर साल यहां पर पूर्वांचल का ऐतिहासिक मेला लगता था, जो प्रशासन की देख रेख में लगभग 1 हफ्ते तक चलता था, जहां लाखो श्रद्धालू दूर-दूर से आते थे। दूर-दूर से खजले की दुकानें आती थी। बड़ा झूला, थिएटर, मौत का कुआं व डांस पार्टी इत्यादि मेले की शोभा बढ़ाते थे। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु यहां पर स्थित विशाल व प्राचीन जलकुंड (जिसको सागर भी कहा जाता है) में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना करते थे। हालांकि अबकी बार कोरोना की वजह से केवल धार्मिक अनुष्ठान के अलावा अन्य किसी गतिविधि की इजाजत नहीं है।       ऐतिहासिक रूप से देखें तो भारतभारी का उल्लेख यूनाइटेड प्राविंसेज आफ अवध एण्ड आगरा के वायलूम 32 वर्ष 1907 के पृष्ट 96,97 में है, जो बताता है कि वर्ष 1875 में भारतभारी के कार्तिक पूर्णिमा मेले में 50 हजार दर्शनार्थियों ने भाग लिया था। बनारस हिंदू व...

एक चर्चित बेमेल शादी/

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      देश की सबसे चर्चित सामाजिक रुप से बेमेल शादियों में से एक आईएएस 2016 बैच की टॉपर टीना डाबी और आईएएस सेकंड टॉपर अतहर हुसैन की शादी बहुत चर्चा में रही थी, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था। अब दोनों की शादी टूटने के अंतिम मोड़ पर है। तलाक की अर्जी जयपुर के एक फैमिली कोर्ट में लंबित है। जिसपर सुनवाई होनी है, दोनों जयपुर में पोस्ट है व लंबे समय से अलग रह रहे है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों ने तलाक की अर्जी में साथ ना रहने के लिए अपनी सहमति दे दी है। जिस पर सुनवाई होनी है।        अब मेरी समझ में यह नहीं आ रहा की ऐसी शादियों को "लव" का नाम देना चाहिए या "जिहाद" का?? टीना डाबी "प्यार" में कामयाब रही या आईएस अतहर "जिहाद" में कामयाब रहे?? मेरे हिसाब से "प्यार" आत्मिक विषय है जो कभी खत्म नहीं हो सकता! जिहाद क्या है इस पर अभी स्टडी कर रहा हूं। लाखों करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देने वाले समाज के ऐसे उच्च व बुद्धिजीवी वर्ग के किसी भी कृत्य को मैं निजी नहीं मानता। ऐसी बेमेल शादियां समाज में लिए बेहद खतरनाक हैं। मेरे हिसाब से एक पढ़े-लिखे उच्च समाज...